दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की अनुपस्थिति के कारण आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई योजना में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा को शामिल करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) योजना में आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को शामिल करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता, भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय के सुनवाई के लिए उपस्थित होने में विफल रहने के बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया। जनहित याचिका में तर्क दिया गया था कि आयुष्मान भारत योजना वर्तमान में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी जैसी विभिन्न स्वदेशी चिकित्सा प्रणालियों को छोड़कर, एलोपैथिक अस्पतालों और औषधालयों तक ही सीमित है, जो भारत की परंपराओं में गहराई से निहित हैं।

January 29, 2024
5 लेख