सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के मंत्रियों के रूप में उनकी संवैधानिकता को बरकरार रखते हुए डिप्टी सीएम नियुक्तियों के खिलाफ याचिका खारिज कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने आज उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति संवैधानिक स्थिति का उल्लंघन नहीं करती है। अदालत ने माना कि उपमुख्यमंत्री अनिवार्य रूप से राज्य सरकार में एक मंत्री होता है, और उनके पद का उनके कार्य या अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ता है। याचिकाकर्ता ने उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने इस प्रथा को कानूनी और केवल पार्टी या सत्ता में पार्टियों के गठबंधन में वरिष्ठ मंत्रियों के लिए एक लेबल माना।

13 महीने पहले
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