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भारत ने मिसाइलों, एयरो-इंजन, रडार की खरीद के लिए पांच प्रमुख रक्षा अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए।
भारत के रक्षा मंत्रालय ने रक्षा विनिर्माण में देश की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए 39,125 करोड़ रुपये के पांच पूंजी अधिग्रहण अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए।
सौदों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, जहाज-जनित ब्रह्मोस सिस्टम, क्लोज-इन हथियार सिस्टम, उच्च शक्ति वाले रडार और मिग -29 लड़ाकू विमानों के लिए एयरो इंजन शामिल हैं।
इन समझौतों का उद्देश्य भारत की स्वदेशी क्षमताओं को मजबूत करना, विदेशी मुद्रा बचाना और विदेशी उपकरण निर्माताओं पर निर्भरता कम करना है।
अनुबंध रोजगार के अवसर पैदा करेंगे और भारतीय एयरोस्पेस, रक्षा और संबंधित उद्योगों के विकास में योगदान देंगे।
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