यदि ट्रम्प पुनः निर्वाचित हुए तो वे चीन के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए वैश्विक विदेश नीति में बदलाव ला सकते हैं।
ट्रम्प के दूसरे राष्ट्रपति बनने से वैश्विक विदेश नीति में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो सकते हैं, जिनमें चीन के प्रति कड़ा रुख जारी रहना, नाटो के लिए अमेरिकी वित्त पोषण में संभावित कटौती, तथा पश्चिमी तट में इजरायली बस्तियों के लिए निरंतर समर्थन शामिल है। ट्रम्प का "अमेरिका फर्स्ट" दृष्टिकोण अमेरिका को यूरोप में उसके सहयोगियों से अलग-थलग कर सकता है, जिसके कारण उन्हें रक्षा खर्च बढ़ाना पड़ सकता है। यदि ट्रम्प पुनः निर्वाचित होते हैं, तो संभवतः वे नाटो स्थापना संधि के अनुच्छेद 5 का पालन नहीं करेंगे, जिससे यूरोपीय सहयोगियों में चिंता उत्पन्न हो सकती है।
May 03, 2024
3 लेख