भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सक्रिय न्यायिक भूमिका, सार्थक जिरह और गैर-राजनीतिक अभियोजक नियुक्तियों का आग्रह किया।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया है कि अदालतों को "मात्र टेप रिकॉर्डर" के रूप में कार्य नहीं करना चाहिए तथा उन्हें मुकदमों में सहभागी भूमिका निभानी चाहिए। अदालत ने सरकारी अभियोजकों द्वारा सार्थक जिरह के महत्व पर प्रकाश डाला है, तथा न्यायाधीशों से कार्यवाही की निगरानी करने का आह्वान किया है ताकि सच्चाई सामने आ सके। अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकारी अभियोजकों की नियुक्ति जैसे मामलों में कोई राजनीतिक विचार नहीं होना चाहिए।

May 05, 2024
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