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सुप्रीम कोर्ट ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में कार्यकर्ता गौतम नवलखा को घर में नजरबंदी की शर्तों के साथ जमानत दे दी।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे दी है।
अदालत ने नवलखा को जमानत देने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश पर लगी रोक हटा दी, इस शर्त के साथ कि वह अपनी नजरबंदी के लिए 20 लाख रुपये का भुगतान करेंगे।
नवलखा अपने खराब स्वास्थ्य के कारण नवंबर 2022 से मुंबई के एक सार्वजनिक पुस्तकालय में नजरबंद हैं।
शीर्ष अदालत नवलखा को जमानत देने के बॉम्बे हाईकोर्ट के दिसंबर 2022 के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अपील पर सुनवाई कर रही थी।
अगस्त 2018 में गिरफ्तार किए गए नवलखा पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।
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