1993 में बनी हॉरर फिल्म "लॉन्गलेग्स" में एक महिला एफबीआई एजेंट को पारिवारिक हत्याओं से मानसिक रूप से जुड़ा दिखाया गया है, जिससे यह धारणा पुष्ट होती है कि समलैंगिक चरित्र खतरनाक होते हैं।
डरावनी फिल्में अक्सर समलैंगिक पात्रों को खतरे से जोड़ती हैं, जिससे यह विचार पुष्ट होता है कि गैर-पारंपरिक परिवार और अकेली महिलाएं खतरा हैं। "टाइटेन" और "दे/देम" जैसी हालिया फिल्में इन रूढ़ियों को चुनौती देती हैं, लेकिन ओज़ पर्किन्स की "लॉन्गलेग्स" अंततः पुरानी धारणाओं पर ही टिकी हुई है। 1993 की पृष्ठभूमि पर आधारित इस फिल्म में एक महिला एफबीआई एजेंट को दिखाया गया है, जिसका कई क्रूर पारिवारिक हत्याओं से मानसिक संबंध प्रतीत होता है, जिससे यह गलत धारणा मजबूत होती है कि समलैंगिक चरित्र खतरनाक होते हैं। अब समय आ गया है कि अधिकाधिक डरावनी फिल्में इन रूढ़ियों को तोड़ें और यह परिभाषित करें कि खतरा किसे माना जाता है।
July 13, 2024
3 लेख