साउथम्प्टन विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि टेक्टोनिक प्लेट टूटने से पृथ्वी की गहरी लहरें आती हैं, जो महाद्वीपीय उत्थान, जलवायु, जैव विविधता और मानव बस्ती के पैटर्न को प्रभावित करती हैं।
साउथैम्पटन विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि जब टेक्टोनिक प्लेटें अलग हो जाती हैं, तो पृथ्वी के भीतर शक्तिशाली लहरें महाद्वीपों की सतहों को एक किलोमीटर से अधिक ऊपर उठाती हैं। प्लेट टूटने के दौरान महाद्वीपीय परत के खिंचाव से उत्पन्न ये लहरें पृथ्वी की आड़ को बाधित करती हैं और क्षेत्रीय जलवायु, जैव विविधता और मानव बस्ती के पैटर्न जैसे कारकों को प्रभावित करती हैं। पहले स्थिर महाद्वीपीय क्षेत्र, जो कि पठारों के रूप में जाने जाने वाले ऊंचे क्षेत्रों का निर्माण करते हुए, पर्याप्त उत्थान और क्षरण से गुजरते पाए गए हैं। खोज दिखाती है कि पृथ्वी के गहरे भीतर से हीरे उठने के लिए ही गड़बड़ी की एक ही श्रृंखला भी महाद्वीपीय वातावरणों में एक अहम भूमिका अदा करती है।