केरल उच्च न्यायालय ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के मुद्दों पर न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर प्रकाशित करने का आदेश दिया।
केरल उच्च न्यायालय ने फिल्म निर्माता सजीमन परायल की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं की कार्य परिस्थितियों की जांच करने वाली न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट को जारी करने से रोकने के लिए याचिका दायर की गई थी। अदालत ने व्यक्तिगत गोपनीयता अधिकारों की रक्षा के लिए सीमित संपादन के साथ एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट के प्रकाशन का आदेश दिया। सन् 2017 में यह रिपोर्ट तैयार की गयी कि इस उद्योग में लैंगिक उत्पीड़न और लिंग भेदभाव के मसलेों का अध्ययन करने के लिए यह रिपोर्ट तैयार की गयी थी । केरल महिला आयोग और महिला सिनेमा सामूहिक ने इस रिपोर्ट को जारी करने का समर्थन किया और कहा कि यह समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर उद्योग में महिलाओं की समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करेगी।