सुप्रीम कोर्ट के वकील बैरिस्टर एमडी उमर फारूक ने अनुच्छेद 49 के तहत 1991 से बांग्लादेश के राष्ट्रपति द्वारा क्षमा किए गए व्यक्तियों की सूची का अनुरोध किया है, यदि यह नहीं दी गई तो उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की योजना है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील बैरिस्टर मोहम्मद उमर फारूक ने बांग्लादेश के गृह सचिव, कानून सचिव, कैबिनेट सचिव और राष्ट्रपति के कार्यालय सचिव को एक कानूनी नोटिस जारी किया है, जिसमें उन व्यक्तियों की सूची मांगी गई है, जिनकी सजा को संविधान के अनुच्छेद 49 के तहत जनवरी 1991 से राष्ट्रपति द्वारा बदल दिया गया है, निलंबित कर दिया गया है या कम कर दिया गया है। फारूक 15 दिनों के भीतर जानकारी की तलाश करता है ताकि राष्ट्रपति की क्षमा के पीछे संभावित राजनीतिक प्रेरणाओं की जांच की जा सके और दोषी हत्यारों की रिहाई पर चिंता व्यक्त की जा सके जो "माफिया डोन" बन गए हैं और समाज में भय फैलाते हैं। यदि आवश्यक सूची प्रदान नहीं की जाती है, तो वह हाई कोर्ट में एक निवेदन - प्राप्त फ़ाइल करने की योजना बना रहा है ।