पूर्व आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने यूपीएससी द्वारा अपनी उम्मीदवारी रद्द करने की चुनौती देते हुए तर्क दिया कि डीओपीटी के पास कार्य करने का अधिकार है।
पूर्व आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने परीक्षा में कथित धोखाधड़ी के कारण अपनी उम्मीदवारी रद्द करने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के फैसले को चुनौती दी है। खेडकर का तर्क है कि केवल कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के पास उसके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है, क्योंकि उसे सिविल सेवाओं के लिए चुना गया था और एक परिवीक्षाधीन के रूप में नियुक्त किया गया था। खेडकर ने दिल्ली उच्च न्यायालय को दिए अपने जवाब में यह दावा किया।
7 महीने पहले
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