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भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने शासन और नीति क्षेत्र का हवाला देते हुए जाति आधारित सामाजिक-आर्थिक जनगणना पीआईएल को खारिज कर दिया।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जाति आधारित सामाजिक-आर्थिक जनगणना की मांग करने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि यह मुद्दा शासन और नीति के दायरे में आता है, न्यायिक हस्तक्षेप नहीं।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जनगणना डेटा संग्रह में देरी से महत्वपूर्ण डेटा अंतराल पैदा हुए हैं, जिससे सामाजिक असमानताओं को दूर करने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई है।
अदालत के निर्णय से सामाजिक न्याय और नीति बनाने के लिए अद्यतनिक डाटा की ज़रूरत पर विस्तृत बहस नज़र आती है.
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Supreme Court of India rejects caste-based socio-economic census PIL, citing governance and policy domain.