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भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि एक अपराध के लिए हिरासत में रखा गया व्यक्ति दूसरे मामले में पूर्व गिरफ्तारी जमानत के लिए आवेदन कर सकता है।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्धारित किया है कि एक आपराधिक मामले में हिरासत में एक व्यक्ति दूसरे मामले में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकता है, बशर्ते कि उसे उस दूसरे मामले के संबंध में अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया हो।
इस फैसले में स्पष्ट किया गया है कि ऐसे जमानत देने से सत्र या उच्च न्यायालयों को कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है।
यह फैसला करने का लक्ष्य रखता है कि एक मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में रखना दूसरे मामले में दोष लगाने के अधिकार को रोक नहीं देता ।
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Supreme Court of India rules that an individual in custody for one crime can apply for pre-arrest bail in another case.