भारत को अपने अर्ध - चक्रीय उद्योग के बढ़ने के लिए ताइवान और जापान के साथ ज़्यादा संबंध बढ़ाने की सलाह दी जाती है ।

भारत में अपने अर्ध - चक्रीय उद्योग की उपस्थिति को मज़बूत करने के लिए ‘ ताइवान और जापान के साथ मेल - जोल रखने ’ की सलाह दी गयी है । ताइवान विश्‍व भर के अर्ध - चक्रों पर अधिकार रखता है, फिर भी भारत में इसकी कंपनियों ने सीमित दिलचस्पी दिखायी है । रिपोर्ट में भारत के लिए अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, निवेश आकर्षित करने और कुशल कार्यबल विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। सेमीकंडक्टर चिप्स की घरेलू मांग 2030 तक 100 अरब डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है, भारत के पास वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में गैर-चीन विकल्प के रूप में खुद को स्थापित करने का अवसर है।

6 महीने पहले
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