आरएसएस प्रमुख भागवत 'सनातान धर्म' और इसके प्रतिरोधक और सद्भावना के मूल्यों की वैश्विक प्रासंगिकता को बढ़ावा देते हैं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 'सनातन धर्म' के पुनरुत्थान को समय पर घोषित करते हुए इसकी वैश्विक प्रासंगिकता पर जोर दिया है। वेदिक टिप्पणी के शुभारंभ के अवसर पर उन्होंने वेदों को भौतिक और आध्यात्मिक जीवन दोनों के लिए ज्ञान का एक महत्वपूर्ण स्रोत बताया। भागवत ने कहा कि भारत के मूल्यों, जो सनातन धर्म में निहित हैं, संकटों के खिलाफ लचीलापन प्रदान करते हैं और सार्वभौमिक सद्भावना को बढ़ावा देते हैं। उसने समाज को बढ़ावा दिया कि वे अलग - अलग समूहों को मज़बूत करें और भेदभाव को जड़ से मिटा दें ।
6 महीने पहले
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