2017 में सईद अंसार शाह को आतंकवाद के आरोप से छूट दी गई थी, जिसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रक्रियागत देरी और समय सीमा से अधिक होने के कारण बरकरार रखा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आतंकवाद के एक मामले में सैयद अंसार शाह की 2017 में हुई सस्पेंशन के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील खारिज कर दी है। अदालत ने प्रक्रियात्मक देरी का हवाला देते हुए कहा कि 2018 के संशोधन को 2023 में वापस ले लिया गया था और बाद में 2024 में दायर की गई अपील ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम द्वारा स्थापित अनुमेय समय सीमा को पार कर लिया था। मूल FIR को 2015 में गैर - कानूनी कामों में पंजीकृत किया गया ।
September 28, 2024
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