ज़रोधा के सह-संस्थापक नियामक चुनौतियों के बीच अपने ब्रोकरेज फर्म को विविधीकरण के लिए एक बैंक में बदलने की योजना बना रहे हैं।

जेरोधा के सह-संस्थापक नितिन और निखिल कामत ने नियामक चुनौतियों के बीच विविधीकरण की आवश्यकता पर जोर देते हुए अपनी ब्रोकरेज फर्म को बैंक में बदलने का लक्ष्य रखा है। उनका तर्क है कि अत्यधिक नियम भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार को बाधित करते हैं और उद्यमी और नियामकों के बीच सहयोगात्मक संबंध की वकालत करते हैं। इन बाधाओं के बावजूद, वे भारत में रोज़गार के भविष्य के बारे में आशावादी रहते हैं, और ऐसे वातावरण की माँग करते हैं जो उन्‍नति को बढ़ावा देता है ।

5 महीने पहले
4 लेख

आगे पढ़ें