एक अध्ययन में पाया गया है कि एआई प्रणालियों द्वारा प्रति वर्ष 102 मिलियन टन CO2 का उत्सर्जन किया जा सकता है, जिसमें गूगल का मॉडल सबसे आगे है।

झेजियांग और नानकाई विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि एआई सिस्टम सालाना 102 मिलियन टन से अधिक CO2 का उत्सर्जन कर सकते हैं, जिसमें से 36.7% के लिए Google के जेमिनी अल्ट्रा मॉडल जिम्मेदार हैं। बढ़ी हुई मांग के कारण एआई संचालन से उत्सर्जन प्रशिक्षण से काफी अधिक है। The research calls for standardized emissions metrics and caps to promote energy efficiency and innovation in sustainable AI practices, helping policymakers manage AI's environmental impact.

November 01, 2024
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