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भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने त्वरित सुनवाई के लिए बातचीत पर प्रतिबंध लगा दिया है, इसके बजाय ईमेल या पत्रों की मांग की है।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने घोषणा की है कि जल्द सुनवाई के लिए अब तक की गई बातचीत के आधार पर याचिका दायर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी; अब वकील ईमेल या लिखित पत्रों के माध्यम से ही याचिका दायर कर सकेंगे.
इस परिवर्तन का उद्देश्य न्याय को अधिक उपलब्ध और किफायती बनाना, कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाना और न्यायालयों में लंबित मामलों को कम करना है।
खान ने सभी नागरिकों को न्याय की समान पहुंच की आवश्यकता पर जोर दिया।
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India's Chief Justice bans oral requests for urgent hearings, requiring emails or letters instead.