भारत ने बाजार में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्राकृतिक और प्रयोगशाला में उगाए गए हीरे के बीच अंतर करने के लिए नए दिशानिर्देश अपनाए हैं।

भारत की रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद ने हीरे की शब्दावली के लिए नए एफटीसी दिशानिर्देशों को अपनाया है, जो प्राकृतिक और प्रयोगशाला में उगाए गए हीरे के बीच अंतर करते हैं। इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और हीरा बाजार में उपभोक्ता भ्रम को रोकना है, जिससे खरीदारों को सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। दिशा-निर्देश गलत निरूपण से बचने के लिए "प्राकृतिक" और "प्रयोगशाला में उगाए गए" जैसे शब्दों के उपयोग को स्पष्ट करते हैं।

November 29, 2024
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