सर्वेक्षण से पता चलता है कि आधे ग्रामीण मतदाता नए कृषि विरासत कर पर लेबर पर कम भरोसा करते हैं।
कंट्री लैंड एंड बिजनेस एसोसिएशन (सी. एल. ए.) द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि पार्टी द्वारा कुछ खेतों पर 20 प्रतिशत विरासत कर लगाए जाने के बाद आधे ग्रामीण मतदाता लेबर पर कम भरोसा करते हैं। सी. एल. ए. की अध्यक्ष विक्टोरिया व्यव्यान का तर्क है कि यह कर ग्रामीण व्यापार व्यवहार्यता के लिए खतरा है। ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम मतदाताओं में से 48 प्रतिशत संतुष्ट हैं, लेकिन 23 प्रतिशत अब नाखुश हैं। सर्वेक्षण यह भी इंगित करता है कि 57 प्रतिशत उत्तरदाता इस निर्णय के कारण लेबर पर कम भरोसा करते हैं, और 61 प्रतिशत को लगता है कि पार्टी ग्रामीण समुदायों का समर्थन करने के अपने वादे को तोड़ रही है। सरकार ने जोर देकर कहा है कि वह किसानों के विरोध के बावजूद कर परिवर्तनों को वापस नहीं लेगी।