अध्ययन में पाया गया है कि खराब नींद की गुणवत्ता लाखों लोगों को प्रभावित करने वाले यकृत रोग से जुड़ी हुई है।
बेसल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि 30 प्रतिशत वयस्कों और 7-14% बच्चों को प्रभावित करने वाली चयापचय संबंधी शिथिलता से जुड़ी स्टीटोटिक यकृत रोग (एमएएसएलडी) खराब नींद की गुणवत्ता से जुड़ी है। एम. ए. एस. एल. डी. वाले रोगी रात में 55 प्रतिशत अधिक बार जागते हैं और स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में अधिक समय तक जागते रहते हैं। अध्ययन से पता चलता है कि नींद विखंडन एमएएसएलडी के विकास में एक भूमिका निभा सकता है, हालांकि सटीक संबंध अभी तक स्पष्ट नहीं है।
4 महीने पहले
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