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भारतीय विक्रेताओं ने चेतावनी दी है कि शीतल पेय और तंबाकू पर 35 प्रतिशत कर लगाने से व्यवसायों को नुकसान हो सकता है और अवैध बिक्री को बढ़ावा मिल सकता है।
इंडियन सेलर्स कलेक्टिव ने वित्त मंत्री और जी. एस. टी. परिषद से शीतल पेय, सिगरेट और तंबाकू जैसी खराब वस्तुओं पर प्रस्तावित 35 प्रतिशत कर को अस्वीकार करने का आग्रह किया है।
समूह का तर्क है कि यह अनुपालन को जटिल बना देगा, खुदरा विक्रेताओं के मुनाफे को नुकसान पहुंचाएगा और अवैध बाजार को बढ़ावा देगा।
उन्हें डर है कि इससे विदेशी उत्पादकों को लाभ होगा और छोटे व्यवसायों को नुकसान होगा, जिससे ये सामान कई लोगों के लिए अफोर्डेबल हो जाएंगे।
21 दिसंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की आगामी बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी।
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Indian sellers warn a 35% tax on soft drinks and tobacco could harm businesses and boost illicit sales.