आई. ई. ए. का कहना है कि शेल ड्रिलिंग तकनीक 2050 तक भविष्य की वैश्विक बिजली की मांग के 15 प्रतिशत को पूरा करते हुए भू-तापीय ऊर्जा को बदल सकती है।
आई. ई. ए. के अनुसार, शेल ड्रिलिंग तकनीक, जो मूल रूप से तेल और गैस के लिए उपयोग की जाती है, भू-तापीय ऊर्जा में क्रांति ला सकती है, जिससे यह विश्व स्तर पर अधिक सुलभ हो सकती है और संभावित रूप से 2050 तक भविष्य की बिजली की मांग का 15 प्रतिशत पूरा कर सकती है। 2035 तक लागत में 80 प्रतिशत की कमी आ सकती है, जिससे 1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित हो सकता है और 10 लाख नौकरियां पैदा हो सकती हैं। यह प्रौद्योगिकी ऊर्जा-गहन डेटा केंद्रों को शक्ति प्रदान करने में भी मदद कर सकती है।
3 महीने पहले
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