शोधकर्ताओं ने पृथ्वी के मूल का अध्ययन करने के लिए एक नई अनुकरण विधि विकसित की, जो संभावित रूप से इसके चुंबकीय क्षेत्र की व्याख्या करती है और एआई तकनीक को आगे बढ़ाती है।
शोधकर्ताओं ने आणविक-स्पिन गतिकी नामक एक नई अनुकरण विधि विकसित की है, जो उच्च दबाव और उच्च तापमान स्थितियों में पृथ्वी के मूल का अध्ययन करने के लिए आणविक और स्पिन गतिकी को जोड़ती है। यह विधि बताती है कि चुंबकत्व लोहे के परमाणुओं को कैसे प्रभावित करता है और भूगतिक प्रभाव की व्याख्या कर सकता है। यह तकनीक सामग्री विज्ञान में भी प्रगति कर सकती है, जिसमें अधिक कुशल एआई और तेज डेटा भंडारण प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
4 महीने पहले
4 लेख
इस महीने 13 निःशुल्क लेख शेष हैं। असीमित पहुंच के लिए कभी भी सदस्यता लें।