भारत के उपराष्ट्रपति उन लोगों की आलोचना करते हैं जो'सनातन'और'हिंदू'जैसे शब्दों को खारिज करते हैं और इसे औपनिवेशिक सोच से जोड़ते हैं।

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उन लोगों की आलोचना की जो'सनातन'और'हिंदू'जैसे शब्दों को समझे बिना नकारात्मक प्रतिक्रिया देते हैं और उन्हें'गुमराह आत्मा'कहते हैं। उन्होंने वेदांत की अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में इस विडंबना पर ध्यान दिया कि इस तरह के शब्दों को भारत में प्रतिगामी के रूप में खारिज कर दिया जाता है, जबकि वैश्विक विषयों में वेदांत दर्शन को अपनाया जाता है। धनखड़ ने इस बर्खास्तगी के लिए औपनिवेशिक मानसिकता और भारत की बौद्धिक विरासत की समझ की कमी को जिम्मेदार ठहराया।

3 महीने पहले
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