अध्ययन से पता चलता है कि जीएलपी-1 दवाएं मधुमेह के रोगियों में सर्जरी के बाद की जटिलताओं को 56 प्रतिशत तक कम करती हैं।

वेइल कॉर्नेल मेडिसिन और कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक अध्ययन से पता चलता है कि जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट दवाएं, जैसे टिर्ज़ेपेटाइड और सेमाग्लूटाइड, मधुमेह रोगियों के लिए सर्जरी के बाद की जटिलताओं को काफी कम कर सकती हैं। साढ़े तीन वर्षों में 21,772 रोगियों पर 74,425 सर्जरी को कवर करने वाले शोध में पाया गया कि इन दवाओं ने अस्पताल में पुनः भर्ती में 12%, घाव के पुनः खुलने में 29% और हेमटोमा में 56% की कमी की। इससे मधुमेह रोगियों के लिए शल्य चिकित्सा उपचार में बदलाव हो सकता है।

2 महीने पहले
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