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आगामी सी. पी. आई. आंकड़ों और विदेशी कोषों के उतार-चढ़ाव के कारण भारतीय शेयर बाजारों को अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है।
भारतीय शेयर बाजार में निगमित आय, सीपीआई और डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति जैसे व्यापक आर्थिक आंकड़ों और विदेशी कोषों के बहिर्गमन के प्रति संवेदनशील बने रहने की उम्मीद है।
निवेशक 13 जनवरी को जारी होने वाले दिसंबर के लिए भारत के सीपीआई आंकड़ों को बारीकी से देखेंगे, जो ब्याज दर की उम्मीदों और बाजार की भावना का मार्गदर्शन करेंगे।
चल रहे सुधारात्मक चरण में आई. टी., एफ. एम. सी. जी. और फार्मा क्षेत्रों को अपेक्षाकृत लचीला माना जा रहा है, जबकि अन्य क्षेत्रों को दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
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Indian stock markets face uncertainty due to upcoming CPI data and foreign fund movements.