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आर. एस. एस. प्रमुख का दावा है कि भारत को सच्ची स्वतंत्रता 1947 में नहीं, बल्कि राम मंदिर के अभिषेक से मिली।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने दावा किया कि जिस दिन अयोध्या में राम मंदिर का अभिषेक हुआ था, उसी दिन भारत ने अपनी "सच्ची स्वतंत्रता" हासिल कर ली थी।
भागवत ने कहा कि इस दिन को "प्रतिष्ठा द्वादशी" के रूप में मनाया जाना चाहिए।
उन्होंने तर्क दिया कि यह आंदोलन भारत की भावना को जागृत करने के बारे में था, न कि किसी का विरोध करने के बारे में।
आलोचकों में शिवसेना के संजय राउत और कांग्रेस नेता टी. एस.
सिंह देव, भागवत के दावे पर सवाल उठाते हुए इस बात पर जोर देते हैं कि भगवान राम में विश्वास मंदिर से पहले का है और धर्म को राजनीति के साथ जोड़ना अनुचित है।
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