अध्ययन में पाया गया है कि शल्य चिकित्सा शुरू होने पर शल्यचिकित्सकों में मध्यम तनाव रोगी की कम जटिलताओं से जुड़ा होता है।
जे. ए. एम. ए. सर्जरी में हाल के एक अध्ययन में पाया गया कि एक प्रक्रिया की शुरुआत में शल्यचिकित्सकों में तनाव बढ़ना रोगियों के लिए कम बड़ी जटिलताओं से जुड़ा हुआ है। शोधकर्ताओं ने 38 शल्यचिकित्सकों द्वारा की गई 793 शल्य चिकित्साओं का विश्लेषण किया और पाया कि मध्यम तनाव शल्यचिकित्सकों को बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है, जबकि अत्यधिक तनाव अधिक त्रुटियों का कारण बन सकता है। यह पिछली मान्यताओं को चुनौती देता है कि शल्यचिकित्सकों में उच्च तनाव हमेशा रोगियों को नुकसान पहुंचाता है।
2 महीने पहले
4 लेख