भारत का सर्वोच्च न्यायालय संवैधानिक अधिकारों का हवाला देते हुए हलाल-प्रमाणित उत्पादों पर उत्तर प्रदेश के प्रतिबंध को चुनौती देता है।
भारत का सर्वोच्च न्यायालय निर्यात को छोड़कर, हलाल-प्रमाणित उत्पादों पर उत्तर प्रदेश के प्रतिबंध को चुनौती देने वाले एक मामले की सुनवाई कर रहा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का तर्क है कि हलाल प्रमाणन अनावश्यक रूप से सीमेंट जैसी गैर-मांस वस्तुओं को प्रमाणित करके गैर-विश्वासियों के लिए लागत बढ़ाता है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि प्रतिबंध संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
2 महीने पहले
12 लेख