एम. आई. टी. के वैज्ञानिक लौह-समृद्ध चट्टानों और नाइट्रोजन-युक्त पानी का उपयोग करके टिकाऊ अमोनिया बनाते हैं, जो शून्य CO2 उत्सर्जन का वादा करता है।

एम. आई. टी. के वैज्ञानिकों ने लोहे से भरपूर चट्टानों और नाइट्रोजन युक्त पानी का उपयोग करके पृथ्वी की प्राकृतिक प्रक्रियाओं की नकल करके अमोनिया का उत्पादन करने के लिए एक स्थायी विधि विकसित की है। यह विधि ऊर्जा निवेश या CO2 उत्सर्जन के बिना अमोनिया उत्पन्न करती है, जो संभावित रूप से औद्योगिक ऊर्जा खपत और उत्सर्जन को कम करती है। यह प्रक्रिया 42 लाख वर्षों तक चलने के लिए पर्याप्त अमोनिया का उत्पादन कर सकती है और अपशिष्ट जल के उपचार में भी मदद कर सकती है, जिससे अतिरिक्त लाभ हो सकता है। यह नवाचार उर्वरक उत्पादन में क्रांति ला सकता है और भविष्य में एक स्वच्छ ईंधन स्रोत प्रदान कर सकता है।

2 महीने पहले
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