गणतंत्र दिवस भाषण के दौरान आरएसएस प्रमुख ने भारत की विविधता के बीच सद्भाव और सम्मान का आह्वान किया।

आर. एस. एस. प्रमुख मोहन भागवत ने भारत के भिवंडी में गणतंत्र दिवस के भाषण के दौरान मतभेदों का सम्मान करने और सौहार्दपूर्ण जीवन जीने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विविधता कहीं और संघर्ष का कारण बनती है, लेकिन भारत में इसे स्वाभाविक रूप से देखा जाना चाहिए। भागवत ने उदाहरण के रूप में चावल पकाने का उपयोग करते हुए कार्यों में ज्ञान और समर्पण की आवश्यकता पर भी जोर दिया और दैनिक जीवन में विश्वास और समर्पण की भूमिका पर चर्चा की।

2 महीने पहले
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