भारत ने शहर के विकास और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कोष शुरू किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने शहर के विकास केंद्रों, रचनात्मक पुनर्विकास और जल और स्वच्छता परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के शहरी चुनौती कोष की घोषणा की। यह कोष पात्र परियोजनाओं के 25 प्रतिशत तक का वित्तपोषण करेगा, जिसमें राज्यों को बांड, ऋण या पीपीपी के माध्यम से कम से कम 50 प्रतिशत का वित्तपोषण करने की आवश्यकता होगी। 2025-26 के लिए 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। बजट में भूमि अभिलेखों और शहरी नियोजन के आधुनिकीकरण के लिए एक राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए एक संशोधित पीएम स्वनिधि योजना भी शामिल है।
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