भारतीय मंत्री ने जनजातीय मामलों के उच्च जाति प्रबंधन का सुझाव देकर विवाद खड़ा कर दिया।

केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने भाजपा की एक चुनावी रैली के दौरान यह सुझाव देकर विवाद खड़ा कर दिया कि आदिवासी मामलों का प्रबंधन उच्च जाति के व्यक्तियों द्वारा किया जाना चाहिए, न कि आदिवासी समुदाय के सदस्यों द्वारा। उनकी टिप्पणियों की व्यापक आलोचना हुई, जिसमें केरल में विपक्षी नेताओं से उनके इस्तीफे की मांग भी शामिल थी। गोपी ने बाद में कहा कि उनका उद्देश्य समानता को बढ़ावा देना है और उन्होंने स्वेच्छा से आदिवासी मामलों का पोर्टफोलियो खुद संभाला।

2 महीने पहले
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