पेट्रोल की मांग में गिरावट के कारण तेल कंपनियां जैव ईंधन और पेट्रोकेमिकल्स पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
गैसोलीन और डीजल की कमजोर मांग के कारण तेल रिफाइनर पारंपरिक ईंधन से जैव ईंधन और पेट्रोकेमिकल की ओर रुख कर रहे हैं। इस परिवर्तन में खाना पकाने के तेल जैसे नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग करना शामिल है, जिसके लिए अधिक उत्प्रेरक और योजकों की आवश्यकता होती है। वैलेरो और मैराथन जैसी कंपनियाँ जैव ईंधन से अधिक लाभ की सूचना दे रही हैं। भारत पेट्रोलियम ने अपने पोर्टफोलियो में पेट्रोकेमिकल उत्पादन को 40 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए 11 अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई है।
6 सप्ताह पहले
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