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वैश्विक और घरेलू आर्थिक चिंताओं के कारण भारतीय शेयर बाजारों को अस्थिरता और सुधारात्मक चरण का सामना करना पड़ रहा है।
अमेरिकी ब्याज दरों में वृद्धि, भारत के राजकोषीय घाटे और लगातार बढ़ती मुद्रास्फीति से प्रभावित भारतीय शेयर बाजार अगले 3 से 4 महीनों तक "सुधारात्मक समेकन" चरण में बने रहने का अनुमान है।
व्यापार युद्ध की चिंताओं और कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण पिछले सप्ताह बाजार में गिरावट देखी गई, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी में आधे प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई।
मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन कुल मिलाकर, शुल्क और वैश्विक आर्थिक स्थिरता पर चिंताओं के कारण बाजार में अस्थिरता जारी रहने की उम्मीद है।
विदेशी संस्थागत निवेशक अगले 3 से 6 महीनों में भारत लौट सकते हैं, क्योंकि दीर्घकालिक आर्थिक कारक अनुकूल हैं।
Indian stock markets face volatility and a corrective phase due to global and domestic economic concerns.