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भारत अपने बढ़ते ए. आई. बुनियादी ढांचे को शक्ति प्रदान करने के लिए परमाणु ऊर्जा में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
भारत ने परमाणु ऊर्जा में निवेश करके अपने कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षेत्र को बढ़ावा देने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य अर्धचालकों और डेटा केंद्रों सहित एक मजबूत कृत्रिम बुद्धिमत्ता अवसंरचना का निर्माण करना है।
सरकार 2047 तक परमाणु क्षमता को 100 गीगावाट तक बढ़ाने के लिए लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (एस. एम. आर.) विकसित करने पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिससे ए. आई. प्रौद्योगिकी के लिए विश्वसनीय बिजली सुनिश्चित होगी।
यह कदम भारत को वैश्विक ए. आई. दौड़ में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है।
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