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भारत आई. आर. एफ. सी. और आई. आर. सी. टी. सी. को नवरत्न का दर्जा देता है, जिससे रेलवे निगमों के लिए वित्तीय स्वायत्तता को बढ़ावा मिलता है।
भारत सरकार ने भारतीय रेलवे वित्त निगम (आई. आर. एफ. सी.) और भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आई. आर. सी. टी. सी.) को नवरत्न का दर्जा दिया है, जिससे नवरत्न कंपनियों की कुल संख्या बढ़कर 26 हो गई है।
यह दर्जा अधिक वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करता है, जिससे इन संस्थाओं को सरकार की मंजूरी के बिना 1,000 करोड़ रुपये तक का निवेश करने की अनुमति मिलती है।
1986 में स्थापित आई. आर. एफ. सी. भारतीय रेलवे की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि आई. आर. सी. टी. सी. का वित्तीय वर्ष 4 करोड़ रुपये का कारोबार था।
नवरत्न पदनाम का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता और दक्षता को बढ़ाना है।
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