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भारतीय अदालत ने फैसला सुनाया कि एक बच्चे को छूना और उसके कपड़ों को नुकसान पहुंचाना बलात्कार के प्रयास के रूप में नहीं गिना जाता है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि 11 वर्षीय पीड़िता के स्तन हड़पना और उसके पायजामे के तार तोड़ना बलात्कार का प्रयास नहीं है।
अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 354-बी और पॉक्सो अधिनियम की धाराओं के तहत आरोपी के खिलाफ बलात्कार के आरोपों को संशोधित कर गंभीर यौन हमले में बदल दिया।
अदालत ने कहा कि पीड़िता के साथ बलात्कार करने के प्रयास या दृढ़ संकल्प का कोई सबूत नहीं है।
2 महीने पहले
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