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दिल्ली के न्यायाधीश का घर में आग लगने के दौरान अघोषित नकदी मिलने के बीच तबादला कर दिया गया, जिससे जवाबदेही पर बहस छिड़ गई।
दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को आग लगने की घटना के बाद उनके आधिकारिक आवास में बड़ी मात्रा में बिना हिसाब-किताब वाली नकदी मिलने के बाद गंभीर जांच का सामना करना पड़ा।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का फैसला किया।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने न्यायिक जवाबदेही की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए इस मामले पर चर्चा करने का वादा किया।
कॉलेजियम के कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया कि न्यायमूर्ति वर्मा को इस्तीफा दे देना चाहिए या आंतरिक जांच का सामना करना चाहिए, जिससे दोषी पाए जाने पर उन्हें हटाया जा सकता है।
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