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अध्ययन में पाया गया है कि गर्भाशय में माइग्रेन दवाओं के संपर्क में आने वाले बच्चों में ऑटिज्म या एडीएचडी का कोई खतरा नहीं है।
न्यूरोलॉजी में हाल के एक अध्ययन में पाया गया कि गर्भावस्था के दौरान ट्रिप्टन नामक माइग्रेन दवाओं का सेवन करने वाली माताओं से पैदा होने वाले बच्चों में ऑटिज्म या एडीएचडी जैसे न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों का कोई खतरा नहीं है।
14 साल तक नॉर्वे के बच्चों पर नज़र रखने वाले शोध में 26,000 से अधिक गर्भधारण शामिल थे और इसमें ट्रिप्टन्स और न्यूरोडेवलपमेंटल मुद्दों के लिए प्रसवपूर्व संपर्क के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया।
यह माइग्रेन से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के लिए आश्वासन प्रदान करता है।
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Study finds no increased risk of autism or ADHD in children exposed to migraine drugs in utero.