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यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों और अमेरिकी शुल्कों ने रूस से तेल आयात को जटिल बनाकर भारत की ऊर्जा सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।
रूस पर यूरोपीय संघ के हालिया प्रतिबंध और भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अमेरिकी शुल्क भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण चुनौती पेश करते हैं।
भारत रूस से अपने कच्चे तेल का लगभग 35-40% आयात करता है, और प्रतिबंध परिष्कृत तेल उत्पादों के स्रोत और निर्यात की इसकी क्षमता को जटिल बनाते हैं।
नायरा एनर्जी जैसी भारतीय रिफाइनरियों को परिचालन और लॉजिस्टिक मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें रिफाइनरी क्षमता में कमी और प्रतिबंधों से संबंधित चिंताओं के कारण शिपिंग कंपनियों के साथ अनुबंध समाप्त करना शामिल है।
यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों ने रूसी कच्चे तेल से परिष्कृत उत्पादों के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे यूरोपीय संघ के साथ भारत का 14.3 अरब डॉलर का व्यापार प्रभावित हुआ है।
इन चुनौतियों के बावजूद, कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, जिससे आपूर्ति में न्यूनतम व्यवधान का संकेत मिलता है।
EU sanctions and US tariffs threaten India's energy security by complicating oil imports from Russia.