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भारत का सर्वोच्च न्यायालय इस बात की जांच करता है कि क्या राज्य के बिलों में देरी करने के लिए राज्यपाल की शक्ति पर सीमा निर्धारित की जानी चाहिए।
भारत का सर्वोच्च न्यायालय इस बात की जांच कर रहा है कि क्या राज्य के बिलों को मंजूरी देते समय राष्ट्रपति और राज्यपालों पर सीमाएं लगाई जानी चाहिए, क्योंकि कुछ राज्यपालों ने वर्षों से बिलों में देरी की है।
केंद्र इस मुद्दे को "गलत चेतावनी" के रूप में कम करता है, लेकिन कानूनी विशेषज्ञों का तर्क है कि इससे संवैधानिक मुद्दे पैदा हो सकते हैं।
अदालत इस बात पर भी विचार कर रही है कि क्या संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समय के अधिकार को मान्यता दी जानी चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि संवैधानिक अधिकारी बिलों में अनिश्चित काल तक देरी न करें।
यह मामला केंद्र-राज्य संबंधों में तनाव और कानून बनाने में राज्यपालों की भूमिका को उजागर करता है।
India's Supreme Court examines if limits should be set on governors' power to delay state bills.