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जालसाजी विरोधी जरूरतों के कारण भारत का प्रमाणीकरण बाजार 2028 तक 16,575 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
भारत का प्रमाणीकरण और पता लगाने योग्य बाजार 2028-29 तक 16,575 करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान है, जिसमें 11.3% का CAGR होगा।
वित्त वर्ष 2023-24 में इस उद्योग का मूल्य 9,705 करोड़ रुपये था, जो 2019-20 के बाद से 7.4% की वृद्धि को दर्शाता है।
प्रमुख कारकों में नकली सामानों की बिक्री में वृद्धि, बढ़ते ई-कॉमर्स, उपभोक्ता जागरूकता और नियामक जनादेश शामिल हैं।
फार्मास्यूटिकल्स, उपभोक्ता उत्पाद, सौंदर्य प्रसाधन और मोटर वाहन घटकों जैसे क्षेत्र मांग का नेतृत्व कर रहे हैं।
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India's authentication market to reach Rs 16,575 crore by 2028, driven by anti-counterfeiting needs.