ताज़ा और वास्तविक सामग्री के साथ स्वाभाविक रूप से भाषाएँ सीखें!

लोकप्रिय विषय
क्षेत्र के अनुसार खोजें
कर्नाटक के राज्यपाल ने पर्यावरणीय जोखिमों और अनुपालन की कमी का हवाला देते हुए झील बफर ज़ोन बिल लौटा दिया।
कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलौत ने झील बफर जोन को 30 मीटर तक कम करने की चिंताओं का हवाला देते हुए राज्य सरकार को के. टी. सी. डी. ए. संशोधन विधेयक 2025 लौटा दिया है।
यह कदम बेंगलुरु टाउन हॉल एसोसिएशन की आपत्तियों के बाद उठाया गया है, जिसने चेतावनी दी थी कि परिवर्तन से झीलों को नुकसान हो सकता है, पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन हो सकता है और जल सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
राज्यपाल ने पारिस्थितिक संतुलन की रक्षा करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए बफरों के विस्तार के बजाय सिकुड़ने के औचित्य पर सवाल उठाया।
उन्होंने केंद्रीय दिशानिर्देशों के साथ विधेयक के अनुपालन पर सरकार से विस्तृत प्रतिक्रिया का अनुरोध किया।
इस निर्णय ने शहरी झील संरक्षण पर व्यापक बहस छेड़ दी है, विशेष रूप से बेंगलुरु में, जहां प्रदूषण और अतिक्रमण को रोकने के लिए बफर ज़ोन महत्वपूर्ण हैं।
Karnataka's governor returns lake buffer zone bill, citing environmental risks and lack of compliance.