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दिल्ली की एक अदालत ने ट्रस्ट फंड में 30 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में धार्मिक नेता चैतन्यानंद की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
नई दिल्ली में पटियाला हाउस कोर्ट ने एक शैक्षणिक ट्रस्ट से जुड़े धन के कथित गबन से जुड़े वित्तीय अनियमितताओं के मामले में आरोपी धार्मिक व्यक्ति चैतन्यानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।
उनकी कानूनी टीम ने तर्क दिया कि कोई संपत्ति नहीं बेची गई थी, संस्थान न्यासियों के तहत चालू रहता है, और आरोपी सहयोग करने को तैयार है।
अभियोजकों का आरोप है कि 30 करोड़ रुपये से अधिक का दुरुपयोग किया गया, जिसमें प्राथमिकी के बाद बड़ी निकासी भी शामिल है, और दावा है कि आरोपी ने कई पहचानों का इस्तेमाल किया और जांच से बच गए।
अदालत ने अभी तक फैसला नहीं सुनाया है और शनिवार शाम या रविवार तक फैसला आने की उम्मीद है।
A Delhi court reserves ruling on religious leader Chaitanyananda’s bail plea in a ₹30 crore trust fund misappropriation case.