ताज़ा और वास्तविक सामग्री के साथ स्वाभाविक रूप से भाषाएँ सीखें!

लोकप्रिय विषय
क्षेत्र के अनुसार खोजें
भारत का रक्षा निर्यात 2014 में 90 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2025 में 30 बिलियन डॉलर हो गया, जिसकी 2029 तक 50 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की योजना है।
गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2014 में 6.8 अरब रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 25 में 236 अरब रुपये हो गया, जिसका लक्ष्य वित्त वर्ष 27 तक 350 अरब रुपये और वित्त वर्ष 29 तक 500 अरब रुपये तक पहुंचना है।
100 से अधिक देश अब छोटे हथियारों से लेकर उन्नत उप-प्रणालियों तक भारतीय रक्षा प्रणालियों को खरीदते हैं, जिसमें 35 प्रतिशत उत्पादन को नियंत्रित करने के बावजूद निजी कंपनियां 65 प्रतिशत निर्यात करती हैं।
कंपनियां ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट सिस्टम, आकाश एयर डिफेंस, तेजास एमके-1ए लड़ाकू जेट और नौसेना के जहाजों जैसे घटकों से पूर्ण प्लेटफार्मों पर स्थानांतरित हो रही हैं।
वैश्विक मांग, आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकारी नीतियों और निजी क्षेत्र की भागीदारी के विस्तार से विकास को बढ़ावा मिलता है, क्योंकि भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा रक्षा खर्च करने वाला और दूसरा सबसे बड़ा आयातक होने के बावजूद विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम करता है।
India's defence exports jumped from $90M in 2014 to $30B in 2025, with plans to reach $50B by 2029.