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भारत की पहली डी. एन. ए. आधारित हाथी जनगणना से पता चलता है कि 22,446 जंगली हाथियों में निवास स्थान के नुकसान और मानव गतिविधि के कारण गिरावट आई है।
14 अक्टूबर, 2025 को जारी भारत की पहली डी. एन. ए. आधारित राष्ट्रव्यापी हाथियों की जनगणना में जंगली हाथियों की संख्या 22,446 होने का अनुमान लगाया गया है, जो 2017 के स्तर से कम है, हालांकि अधिकारियों का कहना है कि एक नई वैज्ञानिक पद्धति के कारण आंकड़े सीधे तुलनीय नहीं हैं।
अध्ययन में 666,977 किलोमीटर लंबी पगडंडी के 21,056 गोबर के नमूनों के डीएनए का उपयोग करके 4,065 अद्वितीय हाथियों की पहचान की गई।
कर्नाटक में सबसे अधिक संख्या 6,013 है, इसके बाद असम (4,159) और तमिलनाडु (3,136) का स्थान है।
पश्चिमी घाट में 11,934 हाथी हैं, जो निवास स्थान के नुकसान के कारण 14,587 से कम हैं।
प्रमुख खतरों में बुनियादी ढांचे का विकास, खनन, मानव-हाथी संघर्ष और विशेष रूप से मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में आवास विखंडन शामिल हैं।
रिपोर्ट में मजबूत वन्यजीव गलियारों और संरक्षण उपायों का आह्वान किया गया है।
India's first DNA-based elephant census shows 22,446 wild elephants, with declines due to habitat loss and human activity.