ताज़ा और वास्तविक सामग्री के साथ स्वाभाविक रूप से भाषाएँ सीखें!

लोकप्रिय विषय
क्षेत्र के अनुसार खोजें
भारत की केंद्र सरकार ने पंजाब विश्वविद्यालय के निर्वाचित शासी निकायों को भंग कर दिया, उनकी जगह नियुक्त निकायों को नियुक्त किया, जिससे संवैधानिक और शैक्षणिक स्वायत्तता की चिंताओं पर विरोध शुरू हो गया।
भारत सरकार ने पंजाब विश्वविद्यालय की निर्वाचित सीनेट और सिंडिकेट को भंग कर दिया है और एक केंद्रीय निर्देश के तहत उन्हें नामित निकायों के साथ बदल दिया है, जिससे पूरे पंजाब में व्यापक प्रतिक्रिया हुई है।
प्रमुख राजनीतिक दलों और उत्तरी अमेरिकी पंजाबी संघ सहित विरोधियों ने इस कदम को असंवैधानिक, सत्तावादी और संघवाद और अकादमिक स्वायत्तता के लिए खतरा बताते हुए इसकी निंदा की और इसे राजनीतिक अधिग्रहण बताया।
केंद्र का दावा है कि इस बदलाव से विश्वविद्यालय का राजनीतिकरण नहीं होगा, लेकिन आलोचकों का तर्क है कि यह लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व और पंजाब के अधिकारों को कमजोर करता है, और कानूनी और राजनीतिक माध्यमों से विरोध जारी रहने की उम्मीद है।
India’s central government dissolved Panjab University’s elected governing bodies, replacing them with appointed ones, triggering protests over constitutional and academic autonomy concerns.